आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान शख्स थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता, बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की राह को बदल दिया था. मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य बेहद खूब राजनीतिज्ञ, चालाक कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में पूरी दुनिया में जाने जाते हैं.
इतनी सदियाँ गुज़र गयी, लेकिन फिर यह कल ही बात मालुम पड़ती है. जब मौर्य साम्राज्य चाणक्य के बताये सिद्धांत और नीतियाँ को अपना कर, इस पर चलते गए और दुनिया फते कर लिया. उसी प्रकार आज भी यदि चाणक्य के बताए गए सिद्धांत और नीतियाँ लोगो के दिलो घर कर गए तो समझो आम मानस को कोई पराजित नहीं कर सकता.
अब आपके मन में सवाल उठेगा आखिर, ये चाणक्य निति कौन सी बला है. तो हुज़ूर, ये एक तरह का ज्ञान का सागर, हाँ यही ज्ञान का सागर, जो हमारी साइट का नाम भी है. जिससे पढ़ें पर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा. जहाँ आपको मिलेंगे कि हिन्दू- मुस्लिम एक ही थाली में खाना खाते हुए, खैर.
अब निति पर आते हैं. आचार्य चाणक्य ने नीतियों का अद्भुत संग्रह बनाया था. जो जाना माना है.आज के जमाने का आम जनमानस इसे अपने दिनचर्या में प्रयोग करते हैं, उतना ही जितना कभी आज से दो हजार चार सौ साल पहले आम जनमानस करते थे.
चाणक्य नीतियों को प्रयोग में लाने के बाद आप मित्र-भेद से लेकर दुश्मन तक की पहचान, तो वही पति-परायण तथा चरित्र हीन स्त्रियों में विभेद कर सकतें हैं. राजा का कर्तव्य और जनता के अधिकारों तथा वर्ण व्यवस्था का उचित उपाय कर सकतें हैं. और अपने असफल जीवन को सफल बना सकते हैं.
आइये देखते हैं……………
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जीवन में सफल होना है तो सबसे पहले किसी भी कार्य को समय पर पूरा करने की आदत डालनी चाहिए. जो लोग आज के काम को कल पर टालते हैं सफलता उनसे कोसों दूर रहती है. सफल व्यक्ति के जीवन में समय का बहुत महत्व होता है.
जब तक व्यक्ति कुशल रणनीतिकार नहीं बनता है सफलता भी नहीं मिलती है. किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए एक रणनीति का होना बहुत ही जरूरी है. रणनीति के साथ व्यक्ति को अपने लक्ष्य के प्रति आगे बढ़ना चाहिए.
जब तक कार्य पूर्ण न हो तब तक किसी भी योजना का खुलासा नहीं करना चाहिए. जो काम पूरा होने से पहले ही शोर मचाने लगाते हैं या लोगों को बताने लगते हैं वे कभी सफल नहीं होते हैं. क्योंकि ऐसा करने की आदत शत्रुओं को अवसर प्रदान करती है और कार्य में बाधा आने की संभावना बढ़ जाती है.
सफलता अकेले नहीं मिलती है. बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए लोगों का भी सहयोग चाहिए होता है. इसलिए किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए अपने साथ कुशल और विश्वासपात्र लोगों का रखना चाहिए. सफलता की इमारत लोगों के सहयोग से तैयार होती है इसलिए जीवन में अच्छे लोगों का साथ लेते हुए आगे बढ़ना चाहिए.
कार्य करने वाले की है आलोचना होगी. जो कुछ नहीं कर रहा है उसकी आलोचना का कोई महत्व नहीं है. कभी कभी कार्य करते हुए ऐसे अनुभव होते हैं लेकिन इनसे घबराकर शांत नहीं बैठना चाहिए. व्यक्ति को निरंत अपने लक्ष्य को पाने के लिए परिश्रम करते रहना चाहिए.
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