Advertisment
Analysis

दिवाली २०२०: जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व ,लक्ष्मी पूजा विधि ,कथा और आरतियां

Advertisment

दिवाली, रोशनी का त्योहार भारत में सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या के दौरान मनाया जाता है। इस साल दिवाली का शुभ अवसर 14 नवंबर को मनाया जाएगा। जानें लक्ष्मी पूजा के लिए तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व , विधि और कथा

दिवाली, रोशनी का त्योहार भारत में सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या के दौरान मनाया जाता है। इस साल दिवाली का शुभ अवसर 14 नवंबर को COVID-19 के कारण बहुत सावधानियों के साथ मनाया जाएगा। त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इस दिन, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है और घर पर और कार्यस्थलों पर एक विस्तृत पूजा की जाती है।

हिंदू महाकाव्य ‘रामायण’ के अनुसार, दिवाली भगवान राम की जीत, बुराई पर जीत का प्रतीक है क्योंकि उन्होंने राजा रावण को हराया था और 14 साल के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपनी मातृभूमि अयोध्या लौट आए थे।

यह भी पढ़ें – गोवर्धन पूजा 2020 तिथि, समय ,विधि ,आरती ,कथा और महत्व

लक्ष्मी पूजा 2020: तिथि और समय

ड्रिपपंचांग के अनुसार, लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान की जाती है जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है और यह लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक रहती है। इस वर्ष लक्ष्मी पूजा 14 नवंबर को मनाई जाएगी। इसके लिए मुहूर्त श्याम 05:28 बजे से रात 07:24 बजे तक है

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 05:28 से शाम 07:24 तक

अवधि – 01 घंटा 56 मिनट
प्रदोष काल- शाम 05:28 से शाम 08:07 तक
वृष काल- शाम 05:28 से शाम 07:24 तक
अमावस्या तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02:17 बजे से शुरू होकर अगले दिन (15 नवंबर) सुबह 10:36 बजे समाप्त होगी।

यह भी पढ़ें – दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं, संदेश और कोट्स

लक्ष्मी पूजा 2020: महत्व

दिवाली के दिन लोग सुबह जल्दी उठते हैं और पवित्र स्नान करते हैं। वे दीवाली पूजा के लिए नए कपड़े पहनते हैं और अपने घरों और मंदिरों की सफाई करते हैं। उसके बाद शाम को प्रदोष काल के दौरान लोग एक साथ देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।

देवी लक्ष्मी को धन, भाग्य, विलासिता और समृद्धि की देवी माना जाता है, जबकि गणेश बुद्धि और ज्ञान के स्वामी हैं। इसके अलावा, यह माना जाता है कि दिवाली की रात देवी लक्ष्मी, अपने भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं ।

यह भी पढ़ें – दिवाली 2020 रंगोली डिज़ाइन: 8 अनोखी रंगोली डिज़ाइन

लक्ष्मी पूजा विधि

पारदोष काल के दौरान देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। अनुष्ठान शुरू होने से ठीक पहले, देवी को कपड़े का एक नया टुकड़ा चढ़ाया जाता है। मुट्ठी भर अनाज कपड़े के बीच में फैला होता है। अगला कदम ‘कलश’ तैयार करना होगा। कलश को गंगाजल, सुपारी, फूल, सिक्का, आम के पत्ते और चावल के दाने से भरें। एक कच्चा नारियल रखें जिसमें फाइबर ऊपर की ओर इस तरह से फैला हो कि आम के पत्ते आंशिक रूप से अंदर और आंशिक रूप से बाहर की ओर ऊपर की ओर रहें।

फिर पूजा की थाली तैयार करें, जिसमें चावल के दाने शामिल हों, जिन्हें ढेर में रखना होगा। अनाज के ऊपर हलदी पाउडर का उपयोग करके एक कमल बनाया जाता है और भगवान गणेश की मूर्ति के साथ उस पर देवी लक्ष्मी की मूर्ति रखी जाती है। एक बार जब लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां रणनीतिक रूप से रख दी जाती हैं, तो आप अपनी पुस्तकों, कलम या ऐसी किसी भी निजी वस्तु को रखकर देवी-देवता का आशीर्वाद भी ले सकते हैं। यह सब करने के साथ, अब दीपक जलाने का समय है। एक विशेष दीवाली दीया जलाएं, और इसे पूजा की थाली में रखें। भक्त देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, समृद्धि, सफलता और खुशी के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।

दीपावली व्रत

कार्तिक कृष्णा अमावस्या को समस्त भारत में दीपावली का त्यौहार बड़े ठाठ-बाट से मनाया जाता है। यह वैश्य जाति का महानतम त्यौहार है। इसलिये नाना प्रकार से घर और दुकानों को सजाकर रात्रि को रोशनी की जाती है और भगवती लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के साथ-साथ बही बसनों का पूजन किया जाता है। इसी दिन भगवती लक्ष्मी जी समुद्र से प्रकट हुई थीं और इसी दिन राजा बलि को पाताल का राजा बनाकर वामन भगवान ने उसकी ड्योढ़ी पर रहना स्वीकार किया तथा इसी दिन रामचन्द्र जी ने रावण को जीतकर सीता और सेना सहित अयोध्या में प्रवेश किया था एवं इसी दिन राजा वीर विक्रमादित्य ने सिंहासन पर बैठकर नवीन संवत् की घोषणा की थी। अतः इन सब कारणों को लेकर इस दिन भारी उत्सव मनाया जाता है और श्री लक्ष्मी जी गणेश जी के सहित सब देवताओं का पूजन करते हुए सुख सम्पत्ति की भगवान से याचना की जाती है।

उद्देश्य– कार्तिक से ठंड प्रारम्भ हो जाती है और मनुष्य अपने घरों के अंदर सोना आरम्भ कर देते हैं चूँकि वर्षा ऋतु से नाना प्रकार के जीव जन्तु उत्पन्न होकर दीवारों और छतों प्रविष्ट हो जाया करते हैं अत: घरों के भीतर से पहले उनका सर्वथा नाश कर देना आवश्यक है अन्यथा ये हमें रोगी बनाकर नाना प्रकार से दुखित कर देंगे, यही कारण है कि हमारे शास्त्रकारों ने एकता की डोर में पिरोने का प्रबन्ध किया है।

आधुनिक वैज्ञानिकों का कथन है कि गोबर, सफेदी, नीला थोथा और रंग-रोगन में ऐसी शक्ति होती है कि उससे कीटाणुओं का सर्वनाश हो जाता है। इसके सिवा जो कुछ उड़कर थोड़े-बहुत रह जाते हैं उनका दीपक के प्रकाश से सफाया हो जाता है। इसके विपरीत जो अपने घर के वस्त्रों और शरीर की सफाई नहीं रखते हैं वे प्राय: बीमार हो जाते हैं और इस कारण उनका दरिद्री हो जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं। यही कारण है कि हमारे शास्त्रकारों ने पवित्रता और पुण्य में लक्ष्मी का वास बतलाकर हिंसा और अशुद्धि में दरिद्रता का वास बतलाया है अतः हम सबको चाहिए कि हम सदैव पवित्रता और पुण्यों से प्रेम करते हुए महालक्ष्मी का पूजन करें और अहिंसा, असत्य, अशुद्धि को पास भी न फटकने दें, उसमें हमारा, समाज का और देश का कल्याण है।

श्री महालक्ष्मी जी पूजन सामग्री एवं विधि

पूजन सामग्री– पान, इत्र, दूध, धूप, कर्पूर, दियासलाई, नारियल, सुपारी, रोली, घी,लालवसा, मेवा, गंगाजल, फल, लक्ष्मी-प्रतिमा, कलावा, रुई, सिंदूर, शहद, गणेश- प्रतिमा, फूल, दूब, दही, दीप, जल-पात्र, मिठाई, तुलसी।

विधि– एक थाल में या भूमि शुद्ध करके नवग्रह बनाए। रुपया, सोना, चांदी, श्री लक्ष्मी जी, श्री गणेश जी व सरस्वती जी, श्री महेश आदि देवी-देवता को स्थान दें। यदि कोई धातु की मूर्ति हो तो उसको साक्षात रूप मान कर पहले दूध, फिर दही से, फिर गंगाजल से स्नान कराके वस्त्र से साफ करके स्थान दें और स्नान करायें। दूध, दही व गंगाजल में चीनी बताशे डालकर पूजन के बाद सबको उसका चरणामृत दें। घी का दीपक जलाकर पूजन आरम्भ करें।

आरती श्री गणेश जी की

सदा भवानी दाहिनी गौरी पुत्र गणेश

पांच देव रक्षा करें ब्रह्मा विष्णु महेश।। टेक।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा। जय गणेश…

एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी।

मस्तक सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी। जय गणेश…

अन्धन को आंख देत कोढ़िन को काया।

बाझन को पुत्र देत निर्धन को माया। जय गणेश…

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।

लड्डुवन का भोग लगे सन्त करे सेवा। जय गणेश.

दीनन की लाज राखो शम्भु-सुत वारी।

कामना को पूरा करो जाएं बलिहारी। जय गणेश.

आरती श्री जगदीश जी की

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।।

भक्त जनों के संकट छिन में दूर करे ।। ॐ जय..

जो ध्यावे फल पावे, दुख विनसै मन का। प्रभु..

सुख सम्पत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का। । ॐ जय..

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी।। प्रभु..

तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी। । ॐ जय.

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।। प्रभु..

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी।। ॐ जय..

तुम करूणा के सागर, तुम पालन कर्ता । । प्रभु…

मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता।। ॐ जय..

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति । । प्रभु..

किस बिधि मिलूं दयामय! मैं तुमको कुमति । । ॐ जय..

दीन बन्धु दु:खहर्ता, तुम ठाकुर मेरे ।। प्रभु…

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे। । ॐ जय…

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा। प्रभु..

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा ।।ॐ जय..

आरती श्री लक्ष्मी जी की

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदित सेवत, हर विष्णु धाता।। ॐ….

ब्रह्माणी रुद्राणी कमला, तु ही है जग माता।

सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋणि गाता।। ॐ..

दुर्गा रूप निरंजनि सुख संपत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि पाता।। ॐ..

तू ही है पाताल बसती तू ही शुभ दाता।

कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ।। ॐ..

जिस घर तेरा बासा, जाहि में गुण आता।

कर न सके सो करले, असीमित धन पाता।। ॐ..

तुम बिन यज्ञ नहीं होवे, वस्त्र न कोई पाता।

खान पान का वैभव,सब तुम से आता।। ॐ..

शुभ गुण मन्दिर सुन्दर क्षीरोदधि जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।। ॐ…

महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई जन गाता।

उर में आनंद समाता, पाप उतर जाता।। ॐ.

हमारे सभी पाठको को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं

Advertisment
Gaurav jagota

Recent Posts

  • Indian culture

रक्षाबंधन 2024- कब, मुहूर्त, भद्रा काल एवं शुभकामनाएं

एक भाई और बहन के बीच का रिश्ता बिल्कुल अनोखा होता है और इसे शब्दों…

4 months ago
  • Essay

Essay on good manners for Students and Teachers

Essay on good manners: Good manners are a topic we encounter in our everyday lives.…

2 years ago
  • Essay

Essay on Corruption for Teachers and Students

Corruption has plagued societies throughout history, undermining social progress, economic development, and the principles of…

2 years ago
  • Essay

Speech on global warming for teachers and Students

Welcome, ladies and gentlemen, to this crucial discussion on one of the most critical issues…

2 years ago
  • Essay

Essay on Waste Management for Teachers and Students

Waste management plays a crucial role in maintaining a sustainable environment and promoting the well-being…

2 years ago
  • Analysis

Best Car Insurance in India 2023: A Comprehensive Guide

Best Car Insurance in India: Car insurance is an essential requirement for vehicle owners in…

2 years ago
Advertisment