लोकडाउन के चलते ट्रेनों के बाद अब केंद्र सरकार ने उड़ानों के लिए इज़ाज़त दी है। जहाँ नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनके तहत यात्रियों के लिए सिक्योरिटी चेक-इन और बोर्डिंग प्रक्रिया से जुड़े नए नियम बनाए गए हैं। क्या हैं ये नए नियम आइये जानें…
कोरोना के इस दौर में हवाई सफर की सूरत बदलने वाली है. अब एयरपोर्ट्स पर टर्मिनल में एंट्री से पहले थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा, यात्रियों को अपने मोबाइल में आरोग्य एप्प रखना होगा, वहीं बोर्डिंग पास भी एयरपोर्ट पर पहुंचने से पहले ऑनलाइन ही लेना होगा।
इस गाइडलाइंस के तहत यात्रियों को जहाँ सोशल डिस्टेंसिंग, लगेज पर लिमिटेशन, प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानी मास्क और ग्लव्स का इस्तेमाल करना होगा। वहीं डिजिटल पेमेंट मेथड को अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि एक व्यक्ति का दूसरे से कम से कम संपर्क हो सके। वहीं एक जरूरी नियम यह भी है कि यात्रियों को अब अपनी यात्रा से पहले एयरपोर्ट पर दो घंटे पहले पहुंचना होगा।
साथ ही अब चेक-इन को लेकर यात्रियों को इन प्रक्रियाओं से भी गुजरना होगा-
– यात्रियों को एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले एक बार वेब चेक-इन करना होगा, वहीं घर पर ही ऑनलाइन बोर्डिंग पास ले लेना होगा। लगेज के लिए उन्हें ऑनलाइन ही बैगेज टैग्स/आईडेंटिफिकेशन नंबर डाउनलोड करना होगा। आपको बता दें कि अब एक हैंडबैग और एक चेक-इन बैगेज लाने की ही अनुमति होगी। बैग के साइज़ को लेकर नियम अलग-अलग एयरलाइंस के नियमों के मुताबिक होंगे।
– यात्रियों को सलाह दी गई है कि वो आधिकारिक गाड़ी लेकर ही एयरपोर्ट पहुंचें और यह जरूर चेक करें कि वो गाड़ी पूरी तरह डिस्इन्फेक्टेड की गई है या नहीं। उनका एयरपोर्ट पर दो घंटे पहुंचना जरूरी है।
-एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद यात्रियों को गाड़ी से निकलने से पहले प्रोटेक्टिव गियर यानी- फेस मास्क और ग्लव्स पहनना होगा। उनके पास बोर्डिंग पास, बैगेज टैग्स और आरोग्य सेतु ऐप का स्टेटस तुरंत चेकिंग के लिए तैयार होना चाहिए।
– कैब से निकलने के बाद उनको थर्मल स्क्रीनिंग स्टेशन से गुजरना होगा, जहां उनका तापमान चेक होगा. यहीं उनका आरोग्य सेतु ऐप पर स्टेटस भी चेक किया जाएगा। अगर किसी यात्री के फोन में ऐप डाउनलोड नहीं है, तो उसे दूसरे काउंटर पर भेजा जाएगा, जहां ऐप डाउनलोड कराया जाएगा।
– यात्री की टिकट और सेहत की जानकारी वेरिफाई हो जाने के बाद उन्हें एयरपोर्ट में घुसने की अनुमति होगी, जहां से उन्हें बैगेज ड्रॉप काउंटर पर भेजा जाएगा।
– यहां उन्हें कांच की दीवार की दूसरी ओर से एयरलाइन स्टाफ को अपना PNR दिखाना होगा. कन्फर्मेशन के बाद स्टाफ बैगेज टैग प्रिंट करके, पहले ही सैनिटाइज़ किए गए लगेज पर लगाएगा, जहां से लगेज चेक-इन किया जाएगा. यहां उन्हें प्रिंटेड रसीद देने के बजाय SMS के जरिए भेजा जाएगा।
– चेक-इन और और बैगेज ड्रॉप की पूरी प्रक्रिया फ्लाइट के डिपार्चर के एक घंटे पहले पूरी कर ली जानी चाहिए।
– पैसेंजर्स को सिक्योरिटी स्क्रीनिंग के लिए अपने शरीर से हर मेटल यानी धातु को निकालना होगा. यहां स्टाफ कोशिश करेंगे उनका यात्रियों से कम से कम शारिरिक स्पर्श हो, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता रहे।
– सिक्योरिटी स्क्रीनिंग के बाद पैसेंजर्स को डिपार्चर एरिया में सैनिटाइजेशन प्रोटोकॉल और खाने-पीने के आउटलेट्स पर सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखना होगा। हां, उन्हें इस बात का खास खयाल रखना होगा कि अगर उन्हें अपने मास्क, ग्लव्स और टिशू वगैरह फेंकना है तो इसके लिए निर्धारित किए गए कूड़ेदान और बैग वगैरह में ही डालें।
– इसके अलावा फ्लाइट में घुसने से पहले यात्रियों को सेफ्टी किट लेना होगा जिसमें उन्हें सर्जिकल मास्क, फेस शील्ड और सैनिटाइजर दिया जाएगा।
एक तरफ जहाँ यह फ्लाइट से सफर करने वालों के लिए खबर साबित हो रही है, वहीं उन्हें सफर करने पर सोच-विचार करने पर भी विवश कर रही कि वो इस दौरान कितने सुरक्षित रह पाएंगे।
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