आंतरिक सौंदर्य ही वास्तविक सुंदरता है
आंतरिक सौंदर्य ही वास्तविक सौंदर्य है : खुद में हर व्यक्ति संपूर्ण और सौंदर्य से भरा हुआ होता है। असल में सौंदर्य देखने वाले की दृष्टि में होती है, हम किसी व्यक्ति को किस नजरिए से देखते हैं यह हम पर निर्भर करता है, हर व्यक्ति में अच्छाई और बुराई दोनों ही होती है पर वह अपने अवगुणों को अपने सौंदर्य से ढक लेता है।
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सौंदर्य अर्थ?
भारत में वैदिक काल से लेकर आज तक सौंदर्य की जांच होती आ रही है अब सवाल यह उठता है सौंदर्य बाहरी होता है या आंतरिक सौंदर्य? क्या सौंदर्य इन दोनों का सामूहिक रूप है? भारत में वैदिक काल से सुंदरता का अर्थ है आध्यात्मिकता से, इसमें सुंदरता का अनुभव आनंद के अनुभव में देखा जाता है। वेद में सौंदर्य शब्द के बदले आनंद, मोह आदि शब्दों का प्रयोग मिलता है। आंतरिक सुंदरता मुख्य और महत्वपूर्ण मानी जाती है, कहते हैं की यदि आपका मन सच्चा है तो आपका चरित्र सुंदर होगा।
आधुनिक सौंदर्य
आज के संदर्भ में सुंदरता का क्या अभिप्राय है? क्या बाहरी सुंदरता ही सबसे महत्वपूर्ण है?
आज का युग विज्ञान का युग है विज्ञान के कारण आज मनुष्य हर असंभव कार्य को संभव करने में सक्षम है, हर प्रकार के प्रशिक्षण किए जा रहे हैं, हर प्रकार की सुविधा का बंदोबस्त किया जा रहा है यह सब मनुष्य के बुद्धि के कारण प्राप्त हो पाया है। ऐसे में मनुष्य को लगता है कि वह लोगों को बाहरी सौंदर्य से संपूर्ण भी बना सकता है और और इसके लिए नए-नए क्रीम,फेस पैक पर प्रशिक्षण करते जा रहा है।
आधुनिक समय में सब कुछ बाहरी सुंदरता पर ही अटक कर रह गई है, कोई आंतरिक सुंदरता के बारे में ना जानना चाहता है ना समझना। बाहरी सौंदर्य आंतरिक सौंदर्य से ज्यादा महत्वपूर्ण बन गई है, क्या आज आप किसी की मदद करने से पहले उसकी बाहरी सुंदरता को देखते हैं? आंतरिक सौंदर्य का क्या आज कोई महत्व नहीं है?
तन की सुन्दरता क्या होगी – विमल राजस्थानी
जब मन ही नहीं रहा सुन्दर, तन की सुन्दरता क्या होगी ?
जीवन तो बहता पानी है
मन यायावर, सैलानी है
जीवन से अलग, पृथक मन से-
तन का होना बेमानी है
मन का होना ही होना है, तन मन का सुगढ़ खिलौना हैं
मन ठौर-कुठौर न देखे तो मन की भास्वरता क्या होगी ?
साहित्य में लिखी गई यह पंक्ति स्पष्ट करती हैं कि साहित्य को लिखने के लिए भी सौंदर्यता की कितनी आवश्यकता हैं परंतु वह सौंदर्य आत्मीयता की होनी चाहिए ना की ऊपरी इसीलिए अपने मन को सुंदर बनाइए ।
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