Advertisment
Biographies

परेश रावल की जीवनी :बॉलीवुड के बाबू राव, परेश रावल, की जीवनी पर डाले एक नज़र…..

Advertisment

परेश रावल की जीवनी : आज हम बात कर रहे हैं, परेश रावल की. जिनकी काबिले तारीफ़ अदाकारी ना सिर्फ़ बॉलीवुड तक महदूद रही है, बल्कि विश्व स्तर  पर पहचान बनाई  है. बॉलवुड के बाबूराव कहे जाने वाले परेश रावल  ना सिर्फ़ एक अभिनेता हैं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के सदस्य, नेता हैं. जो अहमदाबाद  ईस्ट से 2014 से  2019 के बीच लोक सभा के सदस्य भी रहे हैं. दिग्गज अभिनेता माने जाने वाले परेश रावल 80  और 90 दसक के खौफनाक विलन माने जाते हैं, जिन्होने अपने अभिनेय का रुख विलन से मुख्तलिफ कर कॉमेडी कर लिया, जो अब कॉमेडी अभिनेय के बादशाह बन गए हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि परेश रावल बॉलीवुड फिल्म जगत के तमाम नायाब बहुमुखी अभिनेताओं मैं से हैं.

Source – Google

विलन के किरदार निभाते समय के डायलॉग

फिल्म ‘दिलवाले’ का डायलॉग.
” हवेली पर आ जाना”

फिल्म ‘अंदाज़ अपना अपना’ का डायलॉग
“ये फिरौती के पैसे हैं या मय्यत का चंदा”

फिल्म ‘अंदाज़ अपना अपना’ का डायलॉग
“तेजा मैं हूँ, मार्क इधर है”

फिल्म ‘दामिनी’ का डायलॉग
“वक़्त पे शादी न करो … तो आदमी बाहेक ही जाता है.”

फिल्म ‘स्वर्ग’ का डायलॉग
“दुश्मनी करो तो दुश्मन को रास्ते का भिखारी बना दो, ताक़ि वो हाथ फैलाये, हाथ उठा ना सके”

परेश रावल के कॉमेडी डायलॉग

फिल्म हंगामा का डायलॉग
“कौवा कितना भी वाशिंग मशीन में नाहा ले, बगुला नहीं बनता”

फिल्म ‘मालामाल वीकली’ का डायलॉग
“अगर तू मेरे सामने आया ना, तो गोबर में झाड़ू डूबो डूबोकर पीटू तुझे”

फिल्म ‘आवारा पागल दीवाना’ का डायलॉग
“एक बार अगर मेरा दिमाग गर्म हो गया ना, तो ठंडा भी फटाफट हो जाता है”

फिल्म ‘राजा नटवरलाल’ का डायलॉग
“खींचे हुए कान से मिला हुआ ज्ञान हमेशा याद रहता है”

फिल्म ‘हेरा फेरी’ का डायलॉग
“उठा ले रे बाबा, उठा ले … मेरेको नहीं रे, इन दोनों को उठा ले”

SOURCE – Google

मुंबई में पले बड़े, परेश रावल ने पढाई लिखाई नरसी मोंजी कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स इकोनॉमिक्स से करि है. आगे चल उन्होंने अभिनेत्री और 1979 में मिस इंडिया बनी स्वरूप सम्पत से विवहा किया. फ़िलहाल परेश रावल के दो बच्चे हैं. जिनका नाम आदित्य रावल और अनिरुद्ध रावल हैं. दोनों फिल्मों से जुड़े हैं. आदित्य ने हाल फिहाल में फिल्म बमफाद से फिल्म जगत में कदम रखा हैं.

फ़िल्मी सफ़र

परेश रावल का फ़िल्मी सफ़र साल 1984 में, होता है होली नामक फ़िल्म में रावल सहायक किरदार निभाते है. लेकिन होता वही है जो मंज़ूरे खुदा होता है. और रावल को फली फिल्म से नाकामयाबी हाथ लगती है. ऐसा देखने को मिला है. बड़ा अभिनेता शुरुवाती फिल्मों अक्सर नाकामयाब ही साबित होता है लेकिन उसकी मेहनत और लगन उसके वो मुकाम बाद के सालो में दे देती है.

अगले साल यानि 1986 में नाम नामक फिल्म आती है. जिससे एक साल बाद ही रावल के अभिनय के प्रति लगन से लोग अवगत हो जाते है, फिल्म कामयाब हो जाती है. और रावल की अभिनय की गाड़ी चल पड़ती है.

80 और 90 के दसक में रावल लगभग सौ के करीब फिल्में करते है. और खलनायक के अभिनय में जोरदार वाह वाही लूटते हैं.
इसमें कब्जा, किंग अंकल, राम लखन, दौड़, बाज़ी जैसी ये तमाम फिल्में हैं जो रावल को इस दौर के बेहतरीन खलनायकों में से एक की संज्ञा देती है.

बहुमखी अभिनेय के प्रतिभा को परदे पर उतरने के लिए रावल अपना रुख खलनायक से मज़ाकिया में बदलकर साल 1994 में फिल्म अंदाज़ अपना अपना में पहली बार नज़र आते हैं. इसके बाद आने वाले कुछ सालों में इनको बहुमखी अभिनेय का बेताज बादशाह के तौर पर देखा जाने लगता है. 2000 में फिल्म हेरा फेरी आती है.फिल्म में पहली बार रावल मुख भूमिका में नज़र आते हैं. फिल्म के परदे पर आने के बाद बाद मानो पूरे देश रावल को “बाबूराव” के नाम से अमर हो जाते हैं.

इस फिल्म और तमाम किरदार के एक हरकत को देश से इतना प्यार मिलता है कि 2006 इसका अगला भाग यानि “फिर हेरा फेरी” नाम से फिल्म आता है. और इस फिल्म को भी लोगों से ख़ूब प्यार मिलता है.

इसके बाद कुछ सालों में तमाम फिल्में आती और जाती हैं लेकिन 2012 में आयी फिल्म “ओ मई गॉड” में इनका किरदार आज भी याद किया जाता है. रावल फिल्म जगत अपना ऐसा छाप छोड़ रहे हैं फिल्म में जिसका अभिनय किसी भी किरदार में हो चाहे, जान डाल देती है. साल 2018 में रावल फिल्म संजू रणबीर के बाप के रोल में नज़र आते हैं. फिल्म संजू, संजय दत्त पर बानी एक बायो पिक है, रावल फिल्म में सुनील दत्त का अभिनय करते है. और अमर हो जाते हैं.

अवार्ड लिस्ट

अपने उम्दा अभिनय के कारण इन्हे 2014 में भारतीय सरकार द्वारा “पदम् श्री” से नवाज़ा गया है. वहीं दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार फिल्म “वो छोकरी” और “सर” के लिए नवाज़े गए रावल को फिल्म जगत से कॉमेडी तथा लीड रोल और सहायक रोल के लिए भी पुरस्कार भी है.

Advertisment
Farhan Hussain

फरहान जामिया से टी.वी पत्रकारिता की पढाई कर रहे हैं.

Published by
Farhan Hussain

Recent Posts

  • Indian culture

रक्षाबंधन 2024- कब, मुहूर्त, भद्रा काल एवं शुभकामनाएं

एक भाई और बहन के बीच का रिश्ता बिल्कुल अनोखा होता है और इसे शब्दों…

5 months ago
  • Essay

Essay on good manners for Students and Teachers

Essay on good manners: Good manners are a topic we encounter in our everyday lives.…

2 years ago
  • Essay

Essay on Corruption for Teachers and Students

Corruption has plagued societies throughout history, undermining social progress, economic development, and the principles of…

2 years ago
  • Essay

Speech on global warming for teachers and Students

Welcome, ladies and gentlemen, to this crucial discussion on one of the most critical issues…

2 years ago
  • Essay

Essay on Waste Management for Teachers and Students

Waste management plays a crucial role in maintaining a sustainable environment and promoting the well-being…

2 years ago
  • Analysis

Best Car Insurance in India 2023: A Comprehensive Guide

Best Car Insurance in India: Car insurance is an essential requirement for vehicle owners in…

2 years ago
Advertisment