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बराक हुसैन ओबामा, अमेरिका के ४४ वें राष्ट्रपति रहे हैं। जो कि देश के प्रथम अश्वेत (अफ्रीकी अमरीकन) राष्ट्रपति हैं.
एक बार बराक अमेरिका के स्कूल में गए थे, तभी 9 वी क्लास के बच्चे, इनसे प्रश्न करते हैं.
” अगर आप किसी के साथ डिनर करना चाहे, ज़िंदा या मुर्दा. तो वो कौन होगा” ?
इस प्रश्न पर बराक कहतें हैं .
“ देखा जाए, ज़िंदा या मुर्दा तो लिस्ट बहुत लम्बी है. आप जानते हैं, मुझे लगता है वो महात्मा गाँधी होंगे, जो मेरे असली हीरो हैं.
नेल्सन रोलीह्लला मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे. राष्ट्रपति बनने से पहले वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहे हैं.
नेल्सन रोलीह्लला मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे. राष्ट्रपति बनने से पहले वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहे हैं.ऐसा अक्सर कहा जाता है कि मंडेला के महान टीचर गाँधी जी है. मंडेला कहते हैं
“महात्मा गाँधी की शिक्षा ने साउथ अफ्रीका में मौजूद रंगभेद से उभरने के लिए तथा साउथ अफ्रीका को बदलने में गाँधी की शिक्षा ने काफी मदद किया है.”
लेनन, लोकप्रिय संगीत के सबसे व्यावसायिक रूप से सफल बैंड “बीटल्स” के सह-संस्थापक के रूप में सबसे अधिक जाने जाते हैं. जिनके संगीत, लेखन, चित्र, फिल्म और साक्षात्कारों में एक विद्रोही स्वभाव और तीव्र बुद्धि देखी जा सकती थी. जिन्होंने गाँधी को माना है म्यूजिक की प्रेरणा.
अमेरिका के एक पादरी, आन्दोलनकारी (ऐक्टिविस्ट) एवं अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकारों के संघर्ष के प्रमुख नेता थे. उन्हें अमेरिका का गांधी भी कहा जाता है.
किंग कहते हैं “क्राइस्ट ने हमे राह दिखाया है, और गाँधी ने चलने का तरीका”
आइंस्टीन के बारे में भला को नहीं जानता होगा.जो एक विश्वप्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविद् थे जिनको सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं.
इनके साथ ही आइंस्टीन और गाँधी एक दूसरे के बहुत बड़े प्रसंशक थे. जो आम तौर पर एक दूसरे को पत्र भेजा करते थे. आइंस्टीन का गाँधी पर कहना है, ” आने वाले सदियों के रोल मॉडल”. वहीं एक बार आइंस्टीन लिखते हैं,
” मैं ऐसा मानता हूँ कि गांधी का नज़रिया माजूदा समय के राजनैतिक व्यक्तियों के लिए सबसे जायदा रौशनी का जरिया है.”
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