विश्व जनसंख्या दिवस:किसी भी देश की विकासशीलता को मापने में जनसंख्या एक अहम कारक है!
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विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा हुई थी| 18 वीं शताब्दी में जब जनता की संख्या 5 बिलियन करीब आ गई, उस समय 1987 को जनता के हित के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई| इस दिन को एक अभियान स्वरूप मनाया जाने लगा, जिसके तहत जनसंख्या की महत्वपूर्णताओं से लेकर आबादी के रोकथाम तक के हर पहलू को दर्शाया जाता है|
संयुक्त राष्ट्र की गवर्निंग काउंसिल के फैसले के अनुसार, वर्ष 1989 में विकास कार्यक्रम में विश्व स्तर पर समुदाय की सिफारिश के द्वारा यह तय किया गया था कि हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा ताकि आम जनता में जनसंख्या की जागरूकता को बढ़ाया जा सके आबादी के मुद्दों से निपटने के लिए वास्तविक समाधान ओं को खोजा जा सके| इस दिन को जनसंख्या के मुद्दों के महत्व के प्रति लोगों के लिए जरूरी ध्यान केंद्रित करने के लिए शुरू किया गया था|
विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने के बहुत से उद्देश्य हैं, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम का लक्ष्य विश्व के लोगों के बीच प्रजनन स्वास्थ्य समस्याओं से अवगत कराना है| यह प्रतिष्ठित किया गया है लगभग 500 महिलाएं बच्चों को जन्म देने की प्रक्रिया में रोजाना मर रही है| विश्व जनसंख्या दिवस को अभियान रूप में हर साल विश्व के लोगों में प्रजनन स्वास्थ्य और जनसंख्या नियोजन की ओर जागरूकता बढ़ाना है|
इस जागरूकता उत्सव के जरिए लोगों को जनसंख्या संबंधित मुद्दे जैसे परिवार की बढ़ती संख्या, लिंग असमानता , मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, गरीबी ,स्वास्थ्य के अधिकार, कामुकता की शिक्षा, प्रजनन स्वास्थ्य, किशोर गर्भावस्था एवं गर्भपात, बाल विवाह, यौन संचारित संक्रमण अवगत कराना है| आंकड़ों की माने तो 15 से 19 वर्ष की आयु में युवाओं के बीच लैंगिकता से जुड़ी समस्याओं को सुलझाना बहुत आवश्यक है क्योंकि यदि कोई चीज हद से ज्यादा हो जाए तो हानिकारक होती है यह बात जनसंख्या पर भी लागू होती है| और इसीलिए जनसंख्या की बढ़ोतरी के रोकथाम के लिए सरकार कितने प्रयासों में जुटी रहती है|
यह दिवस बढ़ती जनसंख्या के मुद्दों पर सामूहिक लोगों के साथ मिलकर काम करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम और गतिविधियों का आयोजन करके मनाया जाता है| यह गांव के कस्बों में नुक्कड़ नाटक से लेकर स्कूलों में सेमिनार और वर्कशॉप ,पोस्टर वितरण ,गीत, भाषण कविता ,कलाकृति प्रतियोगिता, विषय और संदेश वितरण, वाद विवाद प्रतियोगिता , प्रेस कॉन्फ्रेंस ,टीवी चैनल न्यूज़ चैनल के जरिए बहस, समाचार वितरण, रेडियो टीवी पर जनसंख्या संबंधी कार्यक्रम और बहुत से माध्यमों द्वारा जनसंख्या की रोकथाम के लिए जागरूकता फैलाया जाता है |
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