योग फॉर कोरोना :पूरी दुनिया में कोरोना के चलते हाहाकार मचा हुआ है. भारत में भी कोरोना के चलते दिन प्रतिदिन हालत खस्ता होते जा रहे हैं. ऐसे समय में पीअम मोदी आकाशवाणी रेडियो के ज़रिये देशवासियों को याद दिलातें हैं कि देश कोरोना को हल पल पटखनी दे रहा है, इसलिए योग इस जग में खास एहमियत रखता है.
चले फिर, कुछ योग के बारे में पढ़ते हैं. अगर आपको कुछ समझ आ जाये, तो कमेंट या शेयर कर अपना प्यार योग के प्रति दर्ज़ करे.
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देखा जाए तो योग संस्कृत के धातु ‘युज’ से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या फिर आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन. योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है. ऐसे में कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहाँ लोग शरीर को मोडते, मरोड़ते, खींचते हैं और श्वास लेने के कठिन तरीके अपनाते हैं. ये असल में केवल इंसान के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाले इस गहन विज्ञान के सबसे सतही पहलू हैं, योग का अर्थ इन सब से कहीं बड़ा है. जीवन शैली का पूर्ण सारयोग विज्ञान में आत्मसात किया गया है.
योग के सबसे ज्यादा जाने माने लाभ शारीरक और मानसिक होते हैं. ये इसलिए इतना शक्तिशाली और प्रभावशाली है क्यूंकि ये हमेशा शुभ भाव और के मूल्यों पर काम करता है. योग अस्थमा,मधुमेय जैसे तमाम बिमारियों में चिकित्सा का एक विकल्प है. खास तौर से वहां तो और भी प्रभाव उत्पन करता हैं जहाँ आधुनिक वैज्ञानिक उपचार असफल पसरे मिलते है.
जायदातर लोगो का माना है इस खास तौर से कोरोना के काल में जहाँ सब हार के बैठें हैं. वही, लॉक डाउन के चलते मानसिक तौर पर बीमार होते जा रहे हैं, ऐसे में योग को अपना हतियार बनना बहुत ही कारगर साबित हो सकता है.
कपालभाति
यह एक प्रचलित प्राणायाम है. इस प्राणायाम को करने की प्रक्रिया में सांस लेते हैं और छोड़ते हैं. रोजाना करीब पांच मिनट तक इस प्रणायाम को करने से, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और आप किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचे रहेंगे.
करने के तरीके
सबसे पहले तो करना ये होगा, कि एक योग मैट बिछा लें, और उस पर जाएं. फिर सांस लें और पेट पर जोर देते हुए, तेजी से सांस को छोड़ें. प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए, इस प्राणायाम को आप रोज सुबह और शाम को पांच मिनट तक करें. ऐसे रोज़ाना करके हम वायरस के संक्रमण को मात दे सकते हैं.
अनुलोम विलोम
आम तौर पर अनुलोम विलोम से हमे होने वाली सर्दी खांसी और जुकाम तक नहीं होती है. दरअसल अनुलोम विलोम प्रणायाम को करने से श्वसन क्रिया बेहतर हो जाती है. इसके अलावा डॉक्टरी रिसर्च के मुताबिक यह भी बताया जा चुका है, कि इससे आपके शरीर की इम्युनिटी काफी मजबूत होती है.
करने के तरीके
इसके लिए सबसे पहले हमे एक शांत वातावरण में योग मैट या किसी भी आसन पर बैठ जाएं. फिर अपने बाएं हाथ के अंगूठे से, बायीं नाक के छिद्र को बंद करके, दायीं नाक के छिद्र से सांस लें. अब दायीं नाक के छिद्र को अपनी एक उंगली से बंद करें और बायीं नाक के छिद्र को खोलकर, इसके जरिए सांस छोड़ें. दूसरी ओर से भी इस प्रक्रिया को दोहराएं. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहने के लिए इस प्राणायाम को रोज सुबह करीब पांच मिनट तक करें और कोरोना को खुद से दूर करे.
इसके मदद से हम कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बच सकते हैं. भस्त्रिका प्रणायाम को करने से शरीर की कोशिकाएं स्वस्थ बनी रहती हैं. और श्वसन क्रिया से जुड़ी कोई भी बीमारी आपको नहीं होगी. साथ ही साथ आपकी इम्युनिटी भी मजबूत रहेगी. इसके कारण हम कोरोना वायरस के संक्रमण निज़ाद पा सकते हैं.
करने के तरीके
सबसे पहले किसी योग मैट पर बैठ जाएं. फिर एक गहरी सांस लें और पेट पर जोर देते हुए सांस छोड़ें. इस प्रणायाम को करीब 3-5 मिनट तक करें. इस प्रणायाम को आप सुबह और शाम दोनों समय कर सकते हैं.
जैसे की हमारे पी अम मोदी ने कहा है कोरोना को मात दे सकता है योग.इसलिए बताइये गए तमाम योग प्रणायाम को रोज़ाना करें और कोरोना की जंग से जीतने और लेख पर कमेंट और इसको शेयर कारें ताक़ि आपकी तरह बाक़ी लोग भी कोरोना को मात दे सकें.
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