भारत एक प्राचीन देश, लेकिन एक युवा राष्ट्र है :राजीव गाँधी
आधुनिक भारत के अग्रणी नेताओं में शुमार कर्मवीर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की आज देश के साथ नहीं हैं लेकिन देश कभी उनके योगदान को भूल नहीं सकता. आज को संचार और टिप टिप कर चलने वाले कंप्यूटर की शुरुआत कर विकास को हवा दी. इनके ही विज़न का देन था जिसके चलते विश्व बाजार ने भारत की तरफ अपना रुख किया.मुंबई में 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गाँधी पेशे से पायलट थे, जिनको विरासत में मिली राजनीति में इनकी कोई रूचि नहीं थी. लेकिन 1980 में भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद राजीव 1982 में राजनीति में उतर आना पड़ा. आज के दिन यानी 21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में इनकी मृत्यु हो गई थी.
भारत रत्न राजीव गाँधी के अनमोल विचार
“कारखानों, बांधों और सड़कों को विकास नहीं कहते. विकास तो लोगों के बारे में है. इसका लक्ष्य लोगों के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पूर्ति करना है. विकास में मानवीय मूल्यों को प्रथम वरीयता दी जाती है.”
“भारत एक प्राचीन देश, लेकिन एक युवा राष्ट्र है… मैं जवान हूँ और मेरा भी एक सपना है. मेरा सपना है भारत को मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के सभी देशों में से प्रथम रैंक में लाना और मानव जाति की सेवा करना.”
“कुछ दिनों के लिए, लोगों को लगा की भारत हिल गया है. लेकिन उनको यह पता होना चाहिए कि जब एक महान पेड़ गिरता है तो हमेशा झटके लगते है.”
“महिलायें एक देश की सामाजिक चेतना होती हैं. वे हमारे समाज को एक साथ जोड़ कर रखती है.”
“हर व्यक्ति को इतिहास से सबक लेना चाहिए. हमें यह समझना चाहिए कि जहाँ कहीं भी आंतरिक झगड़े और देश में आपसी संघर्ष हुआ है, वह देश कमजोर हो गया है. इस कारण, बाहर से खतरा बढ़ता है. देश को ऐसी कमजोरी के कारण देश बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है.”
“शिक्षा को हमारे समाज में बराबरी का स्थान दिया जाता है. यह एक ऐसा उपकरण है जो हमारे पिछले हजारो वर्षो के सामाजिक व्यवस्था को एक बराबर के स्तर पर ला सकता है.”
“हमारा आज का काम भारत को इक्कीसवीं सदी में गरीबी के बोझ से मुक्ति, हमारे औपनिवेशिक अतीत की विरासत और हमारे लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होगा.”
“जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो जमीन हिलती है.”
“वह केवल मेरे लिए ही माँ नहीं थी बल्कि पूरे देश के लिए माँ थी. अपने खून की आखिरी बूंद तक उन्होंने भारतीय लोगों की सेवा की.”